नई दिल्ली. चीन के बाद दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी भारतीय सेना हथियारों की कमी से जूझ रही है। यह कमी टैंक, हवाई सुरक्षा इकाई और
तोपखाने सहित कई चीजों में है। हालांकि, सेना ने इस मुद्दे पर चुप्पी साध
रखी है। एक अंग्रेजी अखबार की खबर के मुताबिक, अगर जबर्दस्त युद्ध जैसी
कोई स्थिति पैदा होती है तो उससे निपटने के लिए सेना के पास महज 20 दिनों
के हथियारों का जखीरा ही है।
सेना प्रमुख जरनल बिक्रम सिंह ने हाल में ही कहा था कि अगर हथियारों
के लिए उचित बजट सपोर्ट मिलता है तो सेना के पास साल 2015 तक 50 प्रतिशत
वॉर वेस्टेज रिजर्व होना चाहिए। यानी अभी सेना के पास फिलहाल 50 प्रतिशत
वॉर वेस्टेज रिजर्व भी नहीं है।
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